भाई दूज 2023: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

भाई दूज हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो भाई और बहन के बीच अटूट प्रेम और बंधन का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल भाई दूज का पर्व 15 नवंबर, 2023 को मनाया जाएगा।
भाई दूज का शुभ मुहूर्त
- 15 नवंबर को सुबह 6 बजकर 44 मिनट से सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक है. जबकि दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 40 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजे तक है।
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भाई दूज की पूजा विधि
भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारती हैं। इसके बाद भाईयों को मिठाई खिलाई जाती है। भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उन्हें रक्षा करने का वचन देते हैं।
भाई दूज की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- तिलक के लिए रोली, अक्षत और चंदन
- आरती के लिए थाली, दीया, घी और रुई
- मिठाई
- भाई के लिए उपहार
भाई दूज की पूजा करने की विधि इस प्रकार है:
- भाई को आसन पर बैठाएं और उसके माथे पर रोली, अक्षत और चंदन का तिलक लगाएं।
- थाली में दीया जलाएं और आरती करें।
- भाई को मिठाई खिलाएं।
- भाई को उपहार दें।
- भाई से रक्षा करने का वचन लें।
भाई दूज 2023 की पूजा के बाद बहन-भाई एक साथ भोजन करते हैं और खुशी मनाते हैं।

भाई दूज का महत्व
भाई दूज का त्योहार भाई और बहन के बीच प्यार और बंधन का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के लिए मंगल कामना करती हैं और भाई अपनी बहनों को रक्षा करने का वचन देते हैं। भाई दूज का त्योहार भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाता है।
भाई दूज का इतिहास

भाई दूज के त्योहार का इतिहास बहुत पुराना है। माना जाता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने गए थे। यमुना ने अपने भाई को तिलक लगाया और उनकी आरती उतारी। यमराज ने अपनी बहन को अमरता का वरदान दिया। इसी दिन से भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।