भारत का Swadesi Operating System BharOS का सुरक्षा कवच:सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण

भारत का Swadesi Operating System BharOS का सुरक्षा कवच:सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण

भारत के नागरिकों को मिलेगा स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम(Swadesi operating system) BharOS का सुरक्षा कवच, तो अब वाई-फाई से नहीं हो सकेगी कीसीकी भी जासूसी,

Swadesi operating system
Swadesi operating system

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वाई-फाई से घर की जासूसी अब नहीं होगी:

भारत सरकार ने स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम (Swadesi operating system) BharOS को वाई-फाई राउटर में उपयोग करने का फैसला किया है। इससे वाई-फाई से होने वाली जासूसी को रोकने में मदद मिलेगी।

क्यों होती है वाई-फाई से जासूसी:

वाई-फाई राउटर में अक्सर चाइनीज सॉफ्टवेयर का उपयोग होता है। ये सॉफ्टवेयर सुरक्षा के लिहाज से कमजोर होते हैं। इसलिए, इन राउटर से जुड़े उपकरणों को हैक करना आसान हो जाता है। हैकर वाई-फाई से जुड़े उपकरणों से व्यक्तिगत जानकारी, जैसे कि बैंक खाते की जानकारी, क्रेडिट कार्ड की जानकारी, आदि चुरा सकते हैं।

BharOS से कैसे होगी सुरक्षा:

BharOS एक सुरक्षित ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसमें सुरक्षा के कई उपाय किए गए हैं। जैसे कि:

  • डेटा एन्क्रिप्शन: BharOS में डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है। इससे हैकर डेटा को पढ़ नहीं सकते हैं।
  • फायरवॉल: BharOS में फायरवॉल होता है। यह अनधिकृत पहुंच को रोकता है।
  • एडवेयर स्कैनर: BharOS में एडवेयर स्कैनर होता है। यह उपकरणों में एडवेयर को ढूंढकर उसे हटा देता है।

 

नागरिकों को क्या होगा फायदा:

Swadesi operating system BharOS के उपयोग से नागरिकों को निम्नलिखित फायदे होंगे:

  • उनकी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रहेगी।
  • उनके उपकरणों को हैक करने की संभावना कम हो जाएगी।
  • वे वाई-फाई से जुड़े उपकरणों का उपयोग अधिक सुरक्षित तरीके से कर सकेंगे।

 

अगले चरण:

Swadesi operating system BharOS को पहले से ही सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में उपयोग किया जा रहा है। अब, इसे वाई-फाई राउटर में भी उपयोग किया जाएगा। सरकार इस योजना को धीरे-धीरे पूरे देश में लागू करेगी।

यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करेगा।

FAQs :

[sc_fs_multi_faq headline-0=”h3″ question-0=”भारत सरकार ने वाई-फाई राउटर में BharOS का उपयोग करने का फैसला क्यों किया ?” answer-0=”भारत सरकार ने वाई-फाई राउटर में BharOS का उपयोग करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि इससे वाई-फाई से होने वाली जासूसी को रोकने में मदद मिलेगी। वाई-फाई राउटर में अक्सर चाइनीज सॉफ्टवेयर का उपयोग होता है। ये सॉफ्टवेयर सुरक्षा के लिहाज से कमजोर होते हैं। इसलिए, इन राउटर से जुड़े उपकरणों को हैक करना आसान हो जाता है। हैकर वाई-फाई से जुड़े उपकरणों से व्यक्तिगत जानकारी, जैसे कि बैंक खाते की जानकारी, क्रेडिट कार्ड की जानकारी, आदि चुरा सकते हैं।” image-0=”” headline-1=”h3″ question-1=”BharOS के उपयोग से नागरिकों को क्या फायदा होगा ?” answer-1=”उनकी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रहेगी। उनके उपकरणों को हैक करने की संभावना कम हो जाएगी और वे वाई-फाई से जुड़े उपकरणों का उपयोग अधिक सुरक्षित तरीके से कर सकेंगे।” image-1=”” headline-2=”h3″ question-2=”BharOS कब से वाई-फाई राउटर में उपयोग किया जाएगा ?” answer-2=”BharOS को पहले से ही सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में उपयोग किया जा रहा है। अब, इसे वाई-फाई राउटर में भी उपयोग किया जाएगा। सरकार इस योजना को धीरे-धीरे पूरे देश में लागू करेगी।” image-2=”” count=”3″ html=”true” css_class=””]

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