
रमा एकादशी इसबार 9 नवम्बर 2023 को आ रही है ।
पूर्वे मुचुकुंद नामक एक राजा राज्य करते थे। वह इंद्र के परम मित्र थे। इस विष्णु भक्त कुबेर, यम, विभीषण आदि के भी मित्र थे। उनकी पुत्री चंद्रभागा राहुकुमार शोभन के परिणी थीं। एक बार शोभन श्वसुरगृह में आए। राजा ने सबको ढोल पीटाकर आसो व्रत दसमी के दिन करने के आदेश दिया था।
शोभन ने भी उपवास किया, लेकिन भूख और तृष्णा से लबालब होकर उनकी मृत्यु हो गई। इसके पश्च्चात चंद्रभागा सती बनने को तैयार हुई, लेकिन पिता ने इसे नहीं करने का कहा। इस एकादशी व्रत के प्रभाव से शोभन मंदराचल पर्वत पर देवनगरी में रहने लगा, और उसकी धन-संपदा इंद्र के समान थी। देवियों ने उसकी सेवा में बहुत उत्सुक रूप से रहने लगीं।
मुनिवर्य की सलाह से चंद्रभागा ने इस एकादशी व्रत को प्रेमपूर्वक किया, और इस व्रत के प्रभाव से उसे दैवी सुख प्राप्त हुआ और उसके दिव्य शरीर में शोभन का सान्निध्य प्राप्त हुआ।
कहानी का संदेश यह है कि रमा एकादशी की कथा चिंतामणि है, जिन लोगों ने इस कथा का श्रवण-पाठ किया, वे सभी पापों से मुक्त होकर वैकुण्ठ को पहुंचते हैं। इस उत्तम व्रत की फलश्रुति बहुत महत्वपूर्ण है। “जैसी भावना, वैसी सिद्धि।”
रमा यहां स्त्री के स्वरूप में है, अपने पति की पत्नी के रूप में, और इसलिए इसे रमा एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी व्रत मोक्ष मार्ग का सोपान है, जो बहुत ही सरल है, और इसकी प्राधानिकता उपवास में है। यह एकादशी व्रत किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है, और यह महापाप का नाशक माना जाता है, कामधेनु के समान इस रमा एकादशी का महिमा पावनकारी, हितकारी और प्रीतकारी है।
जय श्री कृष्ण🙏
Thanks for sharing 🙏👍