मोदी सरकार के मेक इन इंडिया अभियान के तहत भारत में मोबाइल फोन निर्माण में तेजी से वृद्धि हुई है। 2014 में, भारत अपनी जरूरत के 81 प्रतिशत मोबाइल फोन चीन से आयात करता था। लेकिन आज, भारत मोबाइल फोन निर्माण में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। 2023 में, भारत में 27 करोड़ मोबाइल हैंडसेट का उत्पादन किया गया, जो 2014 की तुलना में 20 गुना अधिक है।
इस वृद्धि के कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:

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मेक इन इंडिया अभियान:
मोदी सरकार ने मेक इन इंडिया अभियान के तहत देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं, कर रियायतें और बुनियादी ढांचे में निवेश शामिल हैं। इन उपायों ने भारतीय कंपनियों को मोबाइल फोन निर्माण में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
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बढ़ती मांग:
भारत में मोबाइल फोन की मांग तेजी से बढ़ रही है। 2022 में, भारत में 1.6 अरब से अधिक मोबाइल फोन बेचे गए, जो 2021 की तुलना में 10% की वृद्धि है। बढ़ती मांग ने भारतीय कंपनियों को अधिक मोबाइल फोन का उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया है।
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चीन से बदलाव:
चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध और कोविड-19 महामारी के कारण, कई कंपनियां चीन से अपना उत्पादन स्थानांतरित कर रही हैं। भारत इन कंपनियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य है क्योंकि यह एक बड़ा बाजार है और इसमें सस्ती श्रम उपलब्ध है।
मेक इन इंडिया
मोदी सरकार के मेक इन इंडिया अभियान से भारत में मोबाइल फोन निर्माण के कई लाभ हुए हैं, जिनमें शामिल हैं:


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रोजगार सर्जन :
मोबाइल फोन निर्माण में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है। 2023 में, भारत में मोबाइल फोन उद्योग में लगभग 4 मिलियन लोग कार्यरत थे।
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आर्थिक विकास:
मोबाइल फोन निर्माण भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है। 2022 में, मोबाइल फोन उद्योग ने भारत की GDP में 1% का योगदान दिया।
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निर्भरता में कमी:
भारत में मोबाइल फोन का निर्माण करने से देश की चीन पर निर्भरता कम हो रही है।
भविष्य की संभावनाएं
भारत में मोबाइल फोन निर्माण में और वृद्धि की संभावना है। सरकार ने मोबाइल फोन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए और उपाय किए हैं। इसके अलावा, बढ़ती मांग और चीन से बदलाव के कारण, भारत में मोबाइल फोन निर्माण तेजी से बढ़ने की संभावना है।
चीन को टक्कर
भारत में मोबाइल फोन निर्माण में वृद्धि के कारण, भारत चीन को टक्कर देने की स्थिति में आ गया है। 2023 में, भारत में 27 करोड़ मोबाइल हैंडसेट का उत्पादन किया गया, जबकि चीन में 28 करोड़ मोबाइल हैंडसेट का उत्पादन किया गया। हालांकि, भारत में मोबाइल फोन निर्माण की दर चीन की तुलना में तेज है। ऐसे में, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भारत भविष्य में चीन को पीछे छोड़ सकता है।
मोदी सरकार के मेक इन इंडिया अभियान से भारत में मोबाइल फोन निर्माण में हुई वृद्धि एक बड़ी उपलब्धि है। इस वृद्धि से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है, रोजगार सृजन हुआ है और देश की चीन पर निर्भरता कम हुई है।
Nice information….